वह साधु क्या – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – १९
वह साधु क्या जानें कि यां, यह करते हैं हमसे हंसी।
लेकर रूपे और पूछने, आये बहुत होकर खु़शी॥
नरसी के आये पास जब, यह दिल की बात अपने कही।
लिख दो हमें किरपा से तुम, इस वक़्त हुंडी दर्शनी॥
हम द्वारिका को आजकल जल्दी से चलने हार हैं॥१९॥