श्रीकृष्ण व नरसी मेहता

नरसी ने वह – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – २४

नरसी ने वह – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – २४


नरसी ने वह लेकर रुपै, रख ध्यान हरि की आस का।
थे जितने साधु और संत वां, सबको लिया उस दम बुला॥
पूरी कचौरी और दही, शक्कर, मिठाई भी मंगा।
सबको खिलाया कितने दिन, और सब ग़रीबों से कहा॥
मन मानता खाओ पियो, यह जो लगे अंबार हैं॥२४॥


राम कृष्ण हरी आपणास या अभंगाचा अर्थ माहित असेल तर खालील कंमेंट बॉक्स मध्ये कळवा.

नरसी ने वह – श्रीकृष्ण व नरसी मेहता कविता – २४

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *